प्रशासन की ओर से प्रत्येक शनिवार अाैर रविवार काे घाेषित किए गए लाॅकडाउन के आदेश विराेधाभासी हाे गए हैं। संपूर्ण बाजार काे ताे बंद करवा दिया गया है लेकिन बसाें और अाॅटाे का संचालन यथावत रखा गया है। लिहाजा बाजार ताे बंद है लेकिन सड़काें पर भीड़ छंट नहीं रही। जब तक लाेक परिवहन जारी रहेगा, सड़काें पर आवागमन कैसे रुकेगा।
जिला प्रशासन की इस पाॅलिसी पर लाेगाें ने सवाल भी उठाने शुरू कर दिए हैं। शनिवार काे ऐसे हालाताें में केवल पुलिस ही थी जाे लाॅकडाउन की पालना करवाने काे सड़काें और चाैक चाैराहाें पर लाेगाें से जद्दाेजहद कर रही थी।
प्रशासन ओ.र नगरपरिषद के अधिकारी और कर्मचारियाें की बाजार में कहीं उपस्थिति नजर नहीं आई। लाॅकडाउन की घाेषणा काे न मानकर लाेग सड़काें पर घूमते देखे गए। मास्क अाैर फिजिकल डिस्टेंसिंग जैसी सावधानियों काे लाेगाें ने भुला ही दिया है। ऐसे में पुलिस काे मैदान में सख्त रुख के साथ उतरना पड़ा।
कार्यवाहक सीओ सिटी विक्की नागपाल खुद सुखाड़िया सर्किल पर डटे रहे और प्रत्येक वाहन चालक काे जांच की प्रक्रिया से गुजरना पड़ा। एएसपी सहीराम बिश्नाेई दिनभर बाजार के हालात जानने काे गश्त पर थे। काेतवाल गजेंद्र जाेधा, पुरानी अाबादी प्रभारी रणजीत सेवदा, सदर प्रभारी सुरेंद्रकुमार और जवाहरनगर प्रभारी किशनसिंह अपने-अपने थाना क्षेत्र में नाके लगाकर वाहनाें की जांच कर रहे ड्यूटी अधिकारियाें काे बार-बार सख्ती से वाहनाें की जांच करने के निर्देश देते रहे।
लोगों के बहाने- हम बस स्टैंड, दवा लेने अस्पताल या राशन लेने जा रहे हैं
कार्यवाहक सीओ सिटी विक्की नागपाल खुद सुखाड़िया सर्किल पर डटे रहे और प्रत्येक वाहन चालक काे जांच की प्रक्रिया से गुजरना पड़ा। एएसपी सहीराम बिश्नाेई दिनभर बाजार के हालात जानने काे गश्त पर थे। काेतवाल गजेंद्र जाेधा, पुरानी अाबादी प्रभारी रणजीत सेवदा, सदर प्रभारी सुरेंद्रकुमार ओर जवाहरनगर प्रभारी किशनसिंह अपने-अपने थाना क्षेत्र में नाके लगाकर वाहनाें की जांच कर रहे ड्यूटी अधिकारियाें काे बार-बार सख्ती से वाहनाें की जांच करने के निर्देश देते रहे।
नाके लगाकर वाहन चेक कर रहे अधिकारियाें काे केवल तीन तरह के लाेग ही मिले। पहले तरह के लाेग वे थे जाे बाेले कि सवारियां लेने बस स्टैंड जा रहे हैं। दूसरे वे लाेग थे जाे या ताे खुद मरीज थे या फिर दवा लेने अस्पताल जाने का कहते नजर आए। और आखिरी तीसरी तरह के वे लाेग थे जाे राशन लेने के कारण घराें से बाहर निकले थे। पुलिस काे साफ पता चल रहा था कि सामने वाला बहाने बना रहा है। इस कारण चालान काटे गए।
राेडवेज और लाेक परिवहन के साथ ही निजी बसाें का संचालन यथावत, ऑटो भी खूब घूमते रहे
इस बार संपूर्ण लाॅकडाउन की परिभाषा बदली हुई है। 21 मार्च से 31 मई तक चले लाॅकडाउन में परिवहन सेवाएं बंद रखी गई थी। लिहाजा सड़काें पर निकलने के लाेगाें के पास बहाने नहीं थे। अब कलेक्टर द्वारा जारी किए गए लाॅकडाउन के आदेश में जीराे माेबिलिटी के अपने मतलब स्थापित किए गए हैं।
राेडवेज और लाेक परिवहन के साथ निजी बसाें का संचालन यथावत है। लिहाजा सवारियाें के आवागमन के चलते सैकड़ाें अाॅटाे भी दिनभर सड़काें पर ही घूमते दिखे। अधिकतर लाेग ताे इसी कारण घराें से बाहर निकले थे।
पुलिस पड़ रही बीमार, इसलिए अब आरएसी के जवानाें ने संभाला माेर्चा
काेराना संक्रमण ने जिला मुख्यालय पर पुलिस काे बुरी तरह से घेर रखा है। थानाें में पुलिसकर्मी लगातार संक्रमित अा रहे हैं। लिहाजा नफरी की कमी से जूझ रही जिला पुलिस ने अपनी सेकंड लाइन यानी आरएसी काे मैदान में उतारा है। प्रमुख स्थानाें पर पुलिस के साथ अब आरएसी के जवान ड्यूटी कर रहे हैं।
सभी थानाें में आरएसी के 10-10 जवान ड्यूटी के लिए शिफ्ट अनुसार भिजवाए गए हैं। इनकाे शनिवार दाेपहर से ड्यूटी पर लगाया गया है। लाॅकडाउन की पालना के लिए पुलिस के साथ अारएसी की पिकेट शहर भर में लगाई गई है। जवाहरनगर थाने में सुबह ही साेडियम हाइपाेक्लाेराइड का छिड़काव कर सेनेटाइज किया गया है। थाने के मुख्य गेट पर रस्सी बांधकर बेरिकेडिंग कर दी गई है। अब फरियादी काे बाहर से ही सुना जा रहा है। थाने में प्रवेश की किसी काे भी इजाजत नहीं है।
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