राजस्थान में 22 मार्च को पूरे देश में सबसे पहले लॉकडाउन लगा था। इसके दो दिन बाद पूरे देश में सख्त लॉकडाउन लागू हो गया। इस सख्ती का असर ये रहा कि रोज कमाने खाने वाले बहुत से लोगों के आगे संकट खड़ा हो गया। ऐसे समय में हमारे शहरवासी जरूरतमंदों की मदद के लिए सामने आए और जरूरत का हर सामान मुहैया कराया।
अचानक लॉकडाउन लगने से अधिकतर लोगों के सामने खाने-पीने तक के सामान की किल्लत हो गई। कई मध्यमवर्गीय परिवार भी इससे बच नहीं सके। ऐसे में शहर की सामाजिक, धार्मिक संस्थाओं, क्लब, राजनीतिक दल, मंदिर, गुरुद्वारे, मुस्लिम संगठन व शहर के लाेग ऐसे लाेगाें की मदद के लिए उमड़ पड़े। ये शहरवासियों का ही जज्बा था कि किसी भी चीज की कमी नहीं पड़ी।
शहरवासियों ने राशन, खाना से लेकर मास्क, पीपीई किट और सेनेटाइजर तक की कमी नहीं होने दी। जब पूरे देश में काेरोना की दहशत थी, तब कोटा के लोगों ने अपनी जान की परवाह न करते हुए आम लोगों की मदद की। शायद यही वजह थी कि उस समय के सबसे बड़े कंटेनमेंट जोन घंटाघर में भी लोगों को किसी चीज की कमी नहीं हुई। कई बार तो प्रशासन ने भी शहर के समाजसेवियों की मदद ली।
रोज 40 हजार लोगों तक पहुंचाया दोनों टाइम का खाना
लॉकडाउन में कई परिवार आर्थिक संकट से घिर गए, जिससे उनके खाने की भी किल्लत हो गई। ये देखकर शहर की करीब 30 बड़ी और 50 छाेटी संस्थाओं समेत 100 से ज्यादा युवाओं ने ऐसे हर व्यक्ति तक खाना पहुंचाने का जिम्मा उठाया। 3 महीने तक रोज लगभग 40 हजार लोगों तक दोनों टाइम का खाना पहुंचाया।
पीपीई किट और सेनेटाइजर तक की कमी नहीं होने दी
कोरोना का प्रकोप शुरू होते ही शहर में सेनेटाइजर और पीपीई किट की किल्लत हो गई। ऐसे में कोटावासियों ने ये कमी पूरी करने की जिम्मेदारी उठाई और 20 हजार बोतल से अधिक सेनेटाइजर मुफ्त में वितरित की। इसके अलावा कोरोना वॉरियर्स के लिए करीब 5 हजार पीपीई किट भी दिए।
मास्क की किल्लत हुई तो 9 माह में बांट दिए 15 लाख से अधिक मास्क
शहर में एक दौर ऐसा भी आया जब मास्क चार गुना कीमत में बिकने लगा और बाजार में आसानी से मिल नहीं था। तब लाेगाें ने अपने खर्च पर मास्क खरीदकर वितरित किए। कई लोगों ने खुद कपड़े के मास्क बनाकर बांटे। इसमें महिलाएं भी पीछे नहीं रहीं। रोज करीब 4 से 5 हजार मास्क आम लोगों को वितरित किए गए। इस दौरान कोटा नगर निगम भी पीछे नहीं रहा।
स्वयं सहायता समूहों की मदद से निगम ने मास्क बनवाकर शहर में बांटे। अब तक निगम करीब 2.50 लाख मास्क बांट चुका है। कई शहरवासी आज भी कोरोना से बचाव के लिए जागरूक करने के अलावा मास्क भी बांट रहे हैं। शायद यही वजह है कि अब कोटा में कोरोना के नए मरीज कम आ रहे हैं।
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