चूरू जिला कलेक्टर संदेश नायक को प्रतिष्ठित स्कॉच अवार्ड मिला है। कोरोना के कारण आयोजक स्कॉच ग्रुप की ओर से जिला प्रशासन को ऑनलाइन ही ‘सेमी-फाइनलिस्ट स्कॉच ऑर्डर ऑफ मेरिट’ भेजा गया है। ये अवार्ड जिला प्रशासन को इसलिए मिला, क्योंकि इसके मुखिया कलेक्टर नायक ने 19 महीने में राजीविका महिला स्वयं सहायता समूह को राज्य ही नहीं अखिल भारत स्तर पर पहचान दिलाई।

इस समूह की कलेक्ट्रेट स्थित कस्तूरबा कैंटीन को देशभर में पहचान मिली। कलेक्टर नायक 19 महीने पहले 25 दिसंबर को चूरू आए उस समय जिले में महिला स्वयं सहायता समूह की संख्या 3800 थी। ये समूह केवल लोन लेकर घर पर ही काम करती थी। अब इनकी संख्या 5400 तक पहुंच गई है और ये समूह सक्रिय होकर स्थानीय स्तर उत्पाद निर्माण कर रही है।

कलेक्टर के नेतृत्व में जिले में महिला स्वयं सहायता समूहों ने राजीविका को एक ब्रांडनेम बनाया है। समूह की महिलाओं द्वारा ही संचालित कस्तूरबा कैंटीन के अलावा कस्तूरबा प्रोडक्ट कॉर्नर, कस्तूरबा ई मित्र, कस्तूरबा नर्सरी, सरदारशहर में कैंटीन, रतनगढ़ में जैविक खेती, पापड़-बड़ी उद्योग जैसे कार्यों के जरिए स्वयं सहायता समूहों ने अनूठी पहचान स्थापित की है।

कोरोना संकट में स्वयं सहायता समूहों की महिलाओं ने मास्क और राशन किट तैयार कर कमाए 9 लाख रुपए
कोरोना संकट में इन महिलाओं ने राशन किट व मास्क बनाने में सहयोग भी किया और समूह के लिए अतिरिक्त आय भी जुटाई। राजीविका के जिला प्रबंधक बजरंग सैनी ने बताया कि राशन किट से 6 लाख एवं मास्क से तीन लाख रुपए कमाए।

सैनी ने बताया कि शीघ्र ही राजीविका की ओर से गुरु गोरखनाथ नमकीन उद्योग भी स्थापित किया जा रहा है, जिसमें राजीविका की महिलाओं द्वारा भुजिया, दाल, कुरकुरे आदि 11 प्रकार के आइटम करीब 20 हजार पैकेट प्रतिदिन तैयार कर बेचे जाएंगे। जिले में करीब 5400 महिला स्वयं सहायता समूह हैं।

इन्हें रोजगारपरक गतिविधियों से महिलाएं अतिरिक्त आय अर्जित कर परिवार का जीवन स्तर बढा रही हैं और महिला सशक्तिकरण का संदेश मुखर कर रही हैं। कलेक्टर को इन गतिविधियों के लिए मिला अवार्ड समूहों और अन्य महिलाओं के लिए भी प्रेरणा का काम करेगा।



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