प्रशासन के 3 बड़े फैसले

काेटा में 6 सितंबर तक लाॅक डाउन किया गया है
जयपुर से राज्य क्षय राेग अधिकारी काे लगाया
तीन निजी हाॅस्पिटल अधिग्रहित किए गए हैं

कोटा में शनिवार को एक बार फिर कोरोना का नया रिकॉर्ड बना। दिनभर में 711 नए मरीज आए और 6 मौतें हुई। एक दिन में पहले न कभी इतनी मौतें हुई और न ही इतने मरीज आए।

प्रदेश में अब तक किसी जिले में एक दिन में इतने मरीज नहीं आए हैं। अब कोटा में कुल कोरोना मरीजों की संख्या 6372 तथा मौतों का आंकड़ा 110 पहुंच गया है। शनिवार को तीन बड़े फैसले हुए।

पहला कोटा जिला प्रशासन ने शहरी क्षेत्र में 6 सितंबर के लिए लॉक डाउन लगा दिया, और दूसरा राज्य सरकार ने राज्य क्षय रोग अधिकारी डॉ. विनोद कुमार गर्ग को कोटा में कोरोना के लिए प्रभारी लगाया गया। अब उनके निर्देशन में कोटा सीएमएचओ काम करेंगे और डॉ. गर्ग रोजाना की रिपोर्ट राज्य सरकार को भेजेंगे।

तीसरा यह कि शहर के तीन बड़े निजी हाॅस्पिटल प्रशासन ने काेविड मरीजाें के लिए अधिग्रहित कर लिए। एडिशनल प्रिंसिपल डॉ. राकेश शर्मा ने बताया कि आज 6 मौतें रिपोर्ट हुई है।

4663
मरीज आ चुके हैं अगस्त में

1693
रोगी आए थे अप्रैल से जुलाई तक

6372
कुल मरीज हुए कोटा में


मेडिकल कॉलेज के 6 डाॅक्टर समेत कई थानों के पुलिसकर्मी संक्रमित : आज मेडिकल कॉलेज के एक सीनियर प्रोफेसर भी पॉजिटिव पाए गए हैं, जिन्हें हल्का बुखार था। मेडिकल काॅलेज से संबद्ध हाॅस्पिटलाें में कार्यरत दाे अन्य डाॅक्टर व दाे रेजीडेंट समेत कुल 5 डाॅक्टर पाॅजिटिव पाए गए हैं।

वहीं, शहर व ग्रामीण के कई पुलिस थानों में कार्यरत पुलिसकर्मी भी संक्रमित पाए गए हैं। मिलिट्री हाॅस्पिटल तक संक्रमण पहुंच गया है, वहां से 5 केस रिपाेर्ट हुए हैं।
लैब ने पार किया 2 लाख टेस्ट का आंकड़ा : मेडिकल कॉलेज की कोविड लैब ने शनिवार को दो लाख टेस्ट का आंकड़ा पार कर लिया। माइक्रोबायोलॉजी विभाग के एचओडी डॉ. घनश्याम सोनी के नेतृत्व में लैब में 24 घंटे टेस्ट किए जा रहे हैं। तीन शिफ्टों में डॉक्टर्स व स्टाफ काम कर रहा है।

प्रिंसिपल डॉ. सरदाना ने बताया कि लैब ने कुल 2 लाख 8 हजार 193 टेस्ट कर लिए हैं। इनमें से 1 लाख 52 हजार 795 टेस्ट कोटा व 55 हजार 398 टेस्ट अन्य जिलों के हैं। जिनमें बारां, बूंदी व सवाईमाधोपुर शामिल है।

सख्ती रहेगी लॉकडाउन में; दूध, सब्जी, अखबार, इमरजेंसी सेवा चालू रहेगी, बिना काम सड़कों पर घूमे ताे पुलिस करेगी कार्रवाई

कोरोना के बेकाबू हालात को देखते हुए 6 सितंबर रात 12 बजे तक लाॅकडाउन का निर्णय लिया गया है। हमारे पास और काेई विकल्प नहीं था। इसलिए शनिवार की बैठक में कड़े निर्णय लिए गए हैं। इस संडे से अगले संडे तक शहर में पूरी तरह से लाॅकडाउन रहेगा।

किराने की दुकानाें काे 30 अगस्त की दाेपहर 2 बजे तक खाेलने की छूट दी गई है, ताकि लाेग जरूरी सामान खरीद लें और भगदड़ व कालाबाजारी न हाे।

लाॅकडाउन के दाैरान इमरजेंसी सेवाओं दूध, सब्जी, मेडिकल, नर्सिंग हाेम, हाॅस्पिटल, परीक्षाएं, पेट्राेल पंप, अखबार, फैक्ट्रियां चालू रहेंगी। बिना काम बाजार में घूमना पूरी तरह से प्रतिबंधित रहेगा।

बिना उचित कारण के घूमते पाए जाने पर पुलिस चालान बनाएगी। लाेगाें काे इस दाैरान असुविधा ताे हाेगी, लेकिन इसे गंभीरता से ले, प्रशासन का सहयाेग करें।

हाेम क्वारेंटाइन मरीज भी फाॅलाे करें गाइड लाइन
बैठक में मैंने कहा कि नागरिकों के स्वास्थ्य एवं संक्रमण की चेन तोड़ने के लिए प्रभावी कदम उठाने होंगे। अस्पताल में कोरोना वार्ड में सभी व्यवस्थाएं माकूल रखना जरूरी है। इस दौरान होम क्वारंेटाइन कोरोना पॉजिटिव मरीज गाइड लाइन की अवहेलना करेंगे, ताे उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

निजी अस्पतालों के अधिग्रहण की कार्रवाई शुरू कर दी गई है। बैठक में एसपी ग्रामीण शरद चौधरी, एडीएम सिटी आरडी मीणा, एडीएम प्रशासन नरेन्द्र जैन, आयुक्त नगर निगम कोटा उत्तर वासुदेव मालावत, प्राचार्य मेडिकल कॉलेज डॉ. विजय सरदाना, एडीएम सीलिंग एसएन आमेठा, एएसपी ग्रामीण पारस जैन, एएसपी शहर प्रवीण जैन, एएसपी मुख्यालय राजेश मील, सीएमएचओ डॉ. भूपेन्द्रसिंह तंवर, चिकित्साधिकारी डॉ निलेश जैन उपस्थित रहे।
मेडिकल कॉलेज में सारे आईसीयू बेड फुल

मेडिकल कॉलेज में सभी आईसीयू बेड फुल हो गए हैं। सूत्रों ने बताया कि एसएसबी के आईसीयू फुल हैं, नीचे वाले फ्लोर के जनरल वार्ड को भी आईसीयू के रूप में यूज किया जा रहा है।

इस ब्लॉक के ऑक्सीजन प्लांट की क्षमता 1200 लीटर प्रति मिनट ऑक्सीजन की है, इन दिनों 150 से ज्यादा मरीज ऑक्सीजन पर हैं, इसलिए इतनी ही ऑक्सीजन की जरूरत पड़ रही है। ऑक्सीजन प्लांट स्थापित करने वाली कंपनी हाथ खड़े कर चुकी है, कंपनी प्रतिनिधियों ने साफ कह दिया है कि इससे ज्यादा मरीज लिए गए और प्लांट बैठ गया तो उनकी कोई जिम्मेदारी नहीं होगी।

इस स्थिति से मेडिकल कॉलेज प्रबंधन के हाथ-पांव फूल गए। आनन-फानन में मामला कलेक्टर और यूडीएच मंत्री तक पहुंचा तो कलेक्टर ने शहर 3 बड़े निजी हॉस्पिटल अधिग्रहित कर लिए। अब इन तीनों में कोविड मरीज शिफ्ट किए जाएंगे। बताया जा रहा है कि रात को ही इन हॉस्पिटलों में मरीज शिफ्ट करने की तैयारी है।
ये हाॅस्पिटल किए अधिग्रहित : कलेक्टर द्वारा जारी आदेश के मुताबिक, तलवंडी स्थित कोटा हार्ट व सुधा हॉस्पिटल तथा दादाबाड़ी स्थित भारत विकास परिषद हॉस्पिटल को काेविड मरीजाें के लिए अधिग्रहित कर लिया गया है। इन हाॅस्पिटलाें काे राज्य सरकार की तय दराें के हिसाब से प्रति बेड मरीज के हिसाब से भुगतान किया जाएगा। कलेक्टर ने तीनाें हाॅस्पिटलाें के संचालकाें काे निर्देशित किया है कि वे अपने सभी उपकरण व स्टाफ तत्काल मेडिकल काॅलेज प्रिंसिपल काे सुपुर्द करें।

एनालिसिस एक्सपर्ट बता रहे हैं केस बढ़ने के 3 कारण

नहीं मान रहे गाइडलाइन : होम आइसोलेशन वाले मरीजाें की मॉनिटरिंग नहीं हाे पा रही है। चिकित्सा विभाग की अाेर से इस मामले में लापरवाही बरती जा रही है, जिस कारण इनमें से ज्यादातर मरीज या उनके परिचित कोरोना फैला रहे हैं।

मीटिंगाें में इस मुद्दे पर चर्चा ताे होती है, लेकिन सिस्टम सुधर नहीं पा रहा। बाजारों में लाेग बिना मास्क के दिखते हैं, सोशल डिस्टेंसिंग भूल गए हैं।

सुपर स्प्रेडर्स पर अंकुश नहीं : शहर में राेज सुपर स्प्रेडर श्रेणी वाले मरीज मिल रहे हैं। इनमें दुकानदार, सब्जी विक्रेता शामिल हैं। इन मरीजों ने किस-किस तक संक्रमण पहुंचाया, इसकी कॉन्टेक्ट ट्रेसिंग नहीं हो पा रही है।

इस कारण काेराेना का संक्रमण लगातार बढ़ता जा रहा है, क्योंकि ये लाेग खुद नहीं जानते कि बीते एक हफ्ते में वे किस-किस से मिले।

सैंपलिंग बढ़ने से इजाफा हाे रहा मरीजाें की संख्या में : कोटा में अब रोज दो हजार से ज्यादा सैंपल लिए जा रहे हैं। कुछ समय पहले तक शहर में 1 हजार सैंपल लिए जा रहे थे। मेडिकल एक्सपर्ट्स का कहना है कि सैंपलिंग बढ़ रही है तो केस बढ़ना स्वाभाविक है। इन सबके बीच मेडिकल कॉलेज के सिस्टम काे चाक चाैबंद रखना सबसे बड़ी चुनाैती साबित हाे रही है।

हर चार में से एक सैंपल पॉजिटिव, यानी 24.41 प्रतिशत पॉजिटििवटी रेट
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बीते चौबीस घंटे में मेडिकल कॉलेज की लैब ने 2912 सैंपल टेस्ट किए, जिनमें 711 मरीज पॉजिटिव पाए गए हैं। यानी हर चौथे सैंपल में से एक संक्रमित पाया गया है। यह आंकड़ा चौंकाने वाला भी है और डरावना भी। देश में चुनिंदा ही ऐसे जिले हैं, जहां इससे ज्यादा पॉजिटिविटी रेट दर्ज किया गया है।

महाराष्ट्र व बिहार के कुछ जिलों को छोड़ दें तो कहीं भी यह पॉजिटिविटी रेट नहीं मिला है। मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. विजय सरदाना ने बताया कि सैंपल के कुछ लोट्स में तो पॉजिटिविटी 35 प्रतिशत तक मिल रही है, जो चौंकाने वाली है।

अगस्त में कोरोना के 6 दोहरे शतक

दिन पॉजिटिव मौत
1 अगस्त 217 4
2 अगस्त 86 1
3 अगस्त 141 2
4 अगस्त 146 1
5 अगस्त 123 0
6 अगस्त 83 3
7 अगस्त 10 4
8 अगस्त 125 3
9 अगस्त 147 1
10 अगस्त 294 1
11 अगस्त 133 1
12 अगस्त 190 4
13 अगस्त 130 2
14 अगस्त 64 2
16 अगस्त 203 4
17 अगस्त 68 2
18 अगस्त 145 1
19 अगस्त 37 2
20 अगस्त 93 0
21 अगस्त 251 3
22 अगस्त 163 3
23 अगस्त 134 5
24 अगस्त 80 3
25 अगस्त 66 5
26 अगस्त 266 5
27 अगस्त 224 3
28 अगस्त 316 3
29 अगस्त 711 6

कहीं ये केंद्र सरकार की गाइड लाइन का उल्लंघन ताे नहीं
जिला प्रशासन ने भले ही 6 सितंबर तक लाॅकडाउन लगा दिया है, लेकिन सूत्राें के अनुसार यह फैसला केंद्र सरकार की गाइड लाइन का उल्लंघन है।

सूत्राें ने बताया कि केंद्र सरकार की अाेर से जारी गाइड लाइन के अनुसार काेई भी राज्य सरकार या जिला प्रशासन केंद्र सरकार से विचार-विमर्श किए बिना लाॅकडाउन लागू नहीं कर सकता। ये निर्देश अनलॉक-4 के बारे में जारी गाइड लाइन के साथ ही जारी किए गए हैं।



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The maximum 711 patients in the state came in Kota, the breath of the administration swelled; Instantly locked up to 6 September
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