कोविड, कोविड से निगेटिव और पोस्ट कोविड संदिग्ध मरीजों के लिए राहत की खबर है। दिसंबर के पहले सप्ताह में जिला मुख्यालय के राजकीय डीबी अस्पताल में पृथक से पोस्ट कोविड वार्ड, कोविड डे केयर केंद्र एवं पोस्ट कोविड क्लिनिक शुरू हो जाएंगे।

फिलहाल कोविड निगेटिव और संक्रमण के मरीजों का अस्पताल के सारी (सीवियर एक्यूट रेस्पिरेटरी इलनेस) वार्ड में इलाज हो रहा है। सामान्य और गंभीर मरीज चिह्नित नहीं होने के कारण डॉक्टरों को इन्हें सारी वार्ड में रहकर मॉनीटरिंग करनी पड़ती है। अब पोस्ट कोविड क्लिनिक और कोविड डे केयर केंद्र खुलने से मरीज फिजिशियन से चिकित्सकीय परामर्श अलग से ले सकेंगे। बता दें कि कोविड पॉजिटिव से निगेटिव हुए मरीज को कुछ दिनों बाद स्वास्थ्य संबंधी कई तरह की समस्याओं से परेशान हो जाते हैं।

मामूली असावधानी होने पर वे पोस्ट कोविड के गंभीर मरीज की श्रेणी में आ जाते हैं। संक्रमण कंट्रोल नहीं होने पर उनकी मौत हो जाती है। इसलिए रजिला मुख्यालय के डेडिकेटेड अस्पतालों में पोस्ट कोविड मरीजों के लिए ये व्यवस्था शुरू की गई है।

पहले गंभीर व लक्षण वाले मरीजों को सारी वार्ड में शिफ्ट कर देते थे : डीबी अस्पताल कोविड डेडिकेटेड है। यहां फिलहाल अलग से पोस्ट कोविड मरीजों के लिए व्यवस्था नहीं है। फिजिशियन कोरोना पॉजिटिव से निगेटिव हुए वृद्धों व गंभीर और संक्रमण के लक्षण वाले मरीजों को सारी वार्ड में शिफ्ट कर देते हैं तथा वहां संक्रमण की संभावना देखते हुए उपचार किया जाता है। अब तक सारी वार्ड में 279 मरीज भर्ती हो चुके। इनमें से नौ की मौत हुई।

ये है पोस्ट कोविड के लक्षण

  • कोरोना से निगेटिव होने के बाद मरीज को सांस लेने में परेशानी।
  • निगेटिव होने के बाद चक्कर आना, थकान बढ़ना, कमजोरी आना।
  • हल्का बुखार, जोड़ों में दर्द और उदासी जैसी स्थिति।
  • निमोनिया, डबल निमोनिया
  • दैनिक दिनचर्या नहीं कर पाना, बार-बार निगेटिव विचार आना।

अब ये व्यवस्था-पोस्ट कोविड केयर में हर दिन दो घंटे ले सकेंगे मरीज परामर्श
अब कोविड पॉजिटिव से निगेटिव हो चुके मरीजों की पोस्ट डे केयर और पोस्ट कोविड क्लिनिक में जांच होगी। यहां मामूली लक्षण होने पर उन्हें डॉक्टर दवा अथवा इंजेक्शन देकर उसी दिन घर भिजवा देंगे, जबकि गंभीर मरीज को इंजेक्शन और दवा देकर वार्ड में शिफ्ट कर दिया जाएगा। वार्ड में ऑक्सीजन और वेंटिलेटर आदि की सुविधा रहेगी।

अस्पताल के गार्डन में रहेगा पोस्ट कोविड डे केयर केंद्र
डीबी अस्पताल के अधीक्षक डॉ. एफएच गौरी ने बताया कि अस्पताल के गार्डन में पोस्ट कोविड डे केयर केंद्र शुरू किया जाएगा। इसकी विधिवत शुरुआत दिसंबर के पहले सप्ताह में कलेक्टर डॉ. प्रदीप के गावंडे की मौजूदगी में बुधवार को करने की योजना है। पोस्ट डे केयर में सुबह नौ से 11 बजे तक फिजिशियन पोस्ट कोविड की आशंका वाले मरीजों को देखेंगे। इसके बाद जरूरत समझे जाने पर उन्हें इंजेक्शन लगाया जाएगा। ज्यादा गंभीर हाेने पर भर्ती कर लिया जाएगा। इस केयर केंद्र पर कोविड पॉजिटिव से निगेटिव अथवा संक्रमण से परेशान व्यक्ति परामर्श ले सकेगा।

पोस्ट कोविड क्लिनिक में इस प्रकार रहेगी व्यवस्था
कोरोना पॉजिटिव से निगेटिव हो चुके मरीज को फॉलोअप जांच के लिए डॉक्टर द्वारा कोविड क्लिनिक में बुलाया जाएगा, जहां उसकी उपकरणों से ऑक्सीजन लेवल जांच, बीपी, पल्स रेट सहित अन्य जांच होगी। पोस्ट कोविड क्लिनिक में मरीज की काउंसलिंग के बाद उसे वार्ड या आईसीयू में भर्ती करने का निर्णय लिया जाएगा।

सारी वार्ड के एक कमरे को बनाएंगे पोस्ट कोविड वार्ड
अधीक्षक ने बताया कि सारी वार्ड में दो कमरे हैं, जिनमें से एक को पोस्ट कोविड वार्ड बनाया जाएगा, जिसमें ऑक्सीजन सहित अन्य सुविधाएं रहेगी। फिजिशियन की निगरानी में इस वार्ड में भर्ती गंभीर मरीजों का इलाज होगा।

एक्सपर्ट व्यू : मरीज के फेफड़ों पर भी डालता है असर
डीबी अस्पताल के फिजिशियन डॉ. आरिफ ने बताया कि कोविड-19 के मरीजों में एक बड़ी समस्या पल्मोनरी फाइब्रोसिस को लेकर आ रही है, जो फेफड़ों से जुड़ी है। जिन लोगों में कोविड के संक्रमण के कारण एक्यूट रेस्पिरेटरी डिस्ट्रेस सिंड्रोम (एआरडीएस) हो जाता है, यानी फेफड़े ठीक से काम नहीं करते, उनमें पल्मोनरी फाइब्रोसिस की समस्या हो सकती है। इससे फेफड़ों की ऑक्सीजन लेने की क्षमता कम हो जाती है। ऐसे मरीजों को सांस फूलने की परेशानी लंबे समय तक रह सकती है। ज्यादा गंभीर स्थिति में घर में ऑक्सीजन भी लेनी पड़ सकती है।



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